
धरमजयगढ़ में विकास या भ्रष्टाचार का खेल?
धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 03 में बारिश ने विकास कार्यों की सच्चाई उजागर कर दी है। नई सड़क तो बन गई, मगर पानी निकासी के लिए नाली ही नहीं बनाई गई! अब सड़क के बजाय गलियों में गंदा पानी बह रहा है, और घरों में बाढ़ जैसे हालात हैं। सवाल यह है—आखिर नाली गई कहाँ? क्या यह कागजों में ही बना दी गई, या फिर किसी की जेब में समा गई?
सड़क बनी, मगर नाली की योजना ही नहीं?
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान नाली का काम या तो किया ही नहीं गया, या इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया गया। अब बारिश के बाद पूरा इलाका तालाब में बदल चुका है। घरों में गंदा पानी घुसने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
रिकॉर्ड में नाली, मगर जमीन पर गड्ढे ही गड्ढे!
लोगों को शक है कि नाली का पैसा कागजों में ही खर्च कर दिया गया और हकीकत में कोई निर्माण हुआ ही नहीं। यदि नाली बनी होती, तो बारिश का पानी सड़कों और घरों में क्यों भरा? यह ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत है या प्रशासन की लापरवाही?
अब जनता ने उठाई आवाज, चेतावनी जारी!
वार्ड की महिलाओं ने दो टूक कह दिया है—अगर सोमवार तक नाली निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे खुद फावड़ा उठाकर नाली खुदवाएँगी! उन्होंने यह भी कहा कि अब वे सिर्फ आवेदन देने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि इस मुद्दे को बड़े अधिकारियों तक ले जाएँगी।
लोक निर्माण विभाग पर उठते सवाल
धरमजयगढ़ का लोक निर्माण विभाग अब सवालों के घेरे में है। क्या यह विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति के लिए है? जनता के पैसों का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन जनता की इस नाराजगी को कितनी गंभीरता से लेता है—क्या वाकई नाली बनाई जाएगी या फिर यह मुद्दा भी किसी फाइल में दफन हो जाएगा?