धरमजयगढ़। इस बार कांग्रेस ने ठान लिया है कि राजनीति में सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि रंगबाजी भी होगी! होटल बसंत पदमा में आयोजित होली मिलन समारोह में गुलाल के साथ-साथ सियासी तंजों की भी धूम रहेगी। विधायक लालजीत सिंह राठिया अपने सफेद कुर्ते को रंगीन करवाने के लिए पूरी मुस्तैदी से पहुंचेंगे, जबकि कार्यकर्ताओं को यह चिंता सता रही होगी कि कहीं चुनावी टिकट का रंग फीका न पड़ जाए।
चारों कांग्रेसी पार्षद – डॉ. अख्तरी खुर्शीद खान, श्रीमती प्रिंसिल्ला टोप्पो, हफीज़उल्ला खान और गगनदीप सिंह कोमल – इस आयोजन के महा-नियंता होंगे, जिनका दावा है कि इस बार राजनीति से ज्यादा रंगों की बारिश होगी, और शिकवे-शिकायतों की जगह अबीर-गुलाल उड़ेंगे।
सूत्रों के अनुसार, समारोह में रंगों से ज्यादा स्वादिष्ट पकवानों की होड़ मची रहेगी। गुझिया, ठंडाई, पकोड़े और ‘राजनीतिक रसगुल्ले’ खास आकर्षण होंगे। रसगुल्ले खाने वाले नेताओं के चेहरों से ही पता चलेगा कि उनके हिस्से में खट्टा, मीठा या बेस्वाद रसगुल्ला आया है – यानी कि उन्हें चुनावी वादों में कितनी मिठास मिलेगी और कितनी कड़वाहट झेलनी पड़ेगी।
कार्यक्रम की सबसे मजेदार विशेषता होगी ‘वादों की होली’ – जहां पुराने अधूरे वादों को नए गुलाबी रंगों में लपेटकर पेश किया जाएगा। जनता से कहा जाएगा कि इस बार रंग नहीं, वादे पक्के होंगे, लेकिन ठंडाई के नशे में जनता यह समझ ही नहीं पाएगी कि यह वादा कब तक चलेगा।
गुप्त सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता इस मौके का इस्तेमाल टिकट मांगने के लिए करना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि गुलाल लगाने के बहाने कोई ‘टिकट वार्ता’ करने की कोशिश न करे, वरना रंगों की जगह सिर्फ पानी से नहलाने का इंतजाम रहेगा!
कार्यक्रम को और मनोरंजक बनाने के लिए विधायक लालजीत सिंह राठिया अपने विशेष नृत्य का प्रदर्शन करेंगे, जबकि संतोष प्रधान अपनी मधुर आवाज़ से सुरों का जादू बिखेरेंगे।
धरमजयगढ़। इस बार कांग्रेस ने ठान लिया है कि राजनीति में सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि रंगबाजी भी होगी! होटल बसंत पदमा में आयोजित होली मिलन समारोह में गुलाल के साथ-साथ सियासी तंजों की भी धूम रहेगी। विधायक लालजीत सिंह राठिया अपने सफेद कुर्ते को रंगीन करवाने के लिए पूरी मुस्तैदी से पहुंचेंगे, जबकि कार्यकर्ताओं को यह चिंता सता रही होगी कि कहीं चुनावी टिकट का रंग फीका न पड़ जाए।
चारों कांग्रेसी पार्षद – डॉ. अख्तरी खुर्शीद खान, श्रीमती प्रिंसिल्ला टोप्पो, हफीज़उल्ला खान और गगनदीप सिंह कोमल – इस आयोजन के महा-नियंता होंगे, जिनका दावा है कि इस बार राजनीति से ज्यादा रंगों की बारिश होगी, और शिकवे-शिकायतों की जगह अबीर-गुलाल उड़ेंगे।
सूत्रों के अनुसार, समारोह में रंगों से ज्यादा स्वादिष्ट पकवानों की होड़ मची रहेगी। गुझिया, ठंडाई, पकोड़े और ‘राजनीतिक रसगुल्ले’ खास आकर्षण होंगे। रसगुल्ले खाने वाले नेताओं के चेहरों से ही पता चलेगा कि उनके हिस्से में खट्टा, मीठा या बेस्वाद रसगुल्ला आया है – यानी कि उन्हें चुनावी वादों में कितनी मिठास मिलेगी और कितनी कड़वाहट झेलनी पड़ेगी।
कार्यक्रम की सबसे मजेदार विशेषता होगी ‘वादों की होली’ – जहां पुराने अधूरे वादों को नए गुलाबी रंगों में लपेटकर पेश किया जाएगा। जनता से कहा जाएगा कि इस बार रंग नहीं, वादे पक्के होंगे, लेकिन ठंडाई के नशे में जनता यह समझ ही नहीं पाएगी कि यह वादा कब तक चलेगा।
गुप्त सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता इस मौके का इस्तेमाल टिकट मांगने के लिए करना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि गुलाल लगाने के बहाने कोई ‘टिकट वार्ता’ करने की कोशिश न करे, वरना रंगों की जगह सिर्फ पानी से नहलाने का इंतजाम रहेगा!
कार्यक्रम को और मनोरंजक बनाने के लिए विधायक लालजीत सिंह राठिया अपने विशेष नृत्य का प्रदर्शन करेंगे, जबकि संतोष प्रधान अपनी मधुर आवाज़ से सुरों का जादू बिखेरेंगे। ( हौ. स.)