रायपुर-विशाखापत्तनम मिक्स लेन ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तहत हुए 324 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे को निलंबित कर दिया गया है। रायपुर कलेक्टर की रिपोर्ट में उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड करार दिया गया है।

बड़ी साजिश का खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घोटाले में कई अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। पूर्व सक्षम भू-अर्जन अधिकारी निर्भय साहू का नाम भी इसमें सामने आया है, जिन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर, फिर निलंबन
हाल ही में शशिकांत कुर्रे को प्रमोशन देकर डिप्टी कलेक्टर बनाया गया था, लेकिन घोटाले में उनका नाम आने के बाद सरकार ने उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया। चर्चा है कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
घोटाले की जांच पर सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, 326 करोड़ रुपये के इस घोटाले की रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई, जिससे जांच को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
अन्य भ्रष्टाचार मामलों से कनेक्शन?
सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे से जुड़े अन्य भ्रष्टाचार मामलों से भी जुड़ा हो सकता है। एक अन्य अधिकारी पर भी जल्द कार्रवाई की संभावना है।
सरकार इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य दोषियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।