हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन में व्यापक फेरबदल किया है, जिसमें 11 राज्यों के लिए नए महासचिवों और प्रभारियों की नियुक्ति की गई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा घोषित इन बदलावों में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब का महासचिव नियुक्त किया गया है, जबकि राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी महासचिव बनाया गया है ! अन्य प्रमुख नियुक्तियों में रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का प्रभारी, बी.के. हरिप्रसाद को हरियाणा का प्रभारी, हरीश चौधरी को मध्य प्रदेश का प्रभारी, गिरीश चोदनकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी का प्रभारी, अजय कुमार लल्लू को ओडिशा का प्रभारी, के. राजू को झारखंड का प्रभारी, मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना का प्रभारी, सप्तगिरि शंकर उलाका को मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड का प्रभारी, तथा कृष्णा अल्लावरु को बिहार का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
इन बदलावों के साथ ही, पार्टी ने कुछ वरिष्ठ नेताओं को उनके पदों से मुक्त भी किया है, जिनमें राजीव शुक्ला, मोहन प्रकाश, देवेंद्र यादव, अजय कुमार, दीपक बाबरिया और भरत सिंह सोलंकी शामिल हैं। ये नेता पहले विभिन्न राज्यों के प्रभारी थे।कांग्रेस के इस संगठनात्मक पुनर्गठन का उद्देश्य आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना और हालिया चुनावी असफलताओं के बाद संगठन को पुनर्जीवित करना है!
कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल: क्या संकेत मिलते हैं?कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में देशभर में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए हैं, जो आगामी चुनावों और पार्टी की रणनीति के संकेत देते हैं। ये फेरबदल सिर्फ राज्यों के प्रभारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे पार्टी की आंतरिक राजनीति, भविष्य की दिशा और नेतृत्व की प्राथमिकताओं को भी समझा जा सकता है।

