छाल क्षेत्र में मजदूर एकता सेवा समिति आज केवल श्रमिक संगठन नहीं, बल्कि जीवन बचाने वाली मानवता की धड़कन बन चुकी है। जहाँ अधिकांश संस्थाएँ केवल अपने अधिकारों तक सीमित रहती हैं, वहीं यह समिति अपने कार्य से यह सिद्ध कर रही है कि सेवा की भावना ही किसी भी संगठन की असली पहचान होती है।

समिति के सदस्य रक्तदान को केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं, बल्कि मानव जीवन की रक्षा का संकल्प मानते हैं। किसी भी अस्पताल में अचानक रक्त की आवश्यकता होने पर सबसे पहले जिस नाम पर भरोसा किया जाता है, वह है—मजदूर एकता सेवा समिति।
रात हो या दिन, बारिश हो या भीषण गर्मी—संगठन के कार्यकर्ता बिना किसी संकोच के रक्तदाताओं की टोली लेकर पहुँच जाते हैं। अनेक गंभीर मरीज, बच्चे, महिलाएँ और वृद्ध आज इसलिए जीवित हैं क्योंकि समय पर मिला रक्त उनके लिए जीवन का दूसरा अवसर बन गया।
समिति की मानवीय पहल इस रक्तदान तक सीमित नहीं। संकट में फँसे परिवारों की आर्थिक सहायता, दुर्घटना या बीमारी में मजदूर साथियों के साथ खड़े रहना, हर कठिन परिस्थिति में सहयोग जुटाना—यह संगठन हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ा नजर आता है। इस निःस्वार्थ सेवा ने क्षेत्र के लोगों में गहरा विश्वास पैदा किया है।
स्थानीय निवासी गर्व के साथ कहते हैं कि मजदूर एकता सेवा समिति ने संघर्ष और सेवा दोनों को संतुलित कर यह दिखा दिया है कि असली शक्ति शोर में नहीं, बल्कि मानवता के लिए उठाए गए सilent परंतु निर्णायक कदमों में होती है।
छाल क्षेत्र में यह संगठन आज रक्तदान, सहयोग और समर्पण के माध्यम से मानवता की एक उज्ज्वल किरण बनकर उभर चुका है—और अपने कृत्यों से यह संदेश दे रहा है कि “किसी का जीवन बचाने से बड़ा कोई धर्म नहीं।”
एक दुर्घटना के शिकार नटवर पटेल बताते हैं कि कठिन परिस्थितियों में संगठन ने न केवल उनको आर्थिक मदद पहुंचाई बल्कि अब भी संगठन उनका सहयोग कर रहा रहा है इसके लिये उन्होंने संगठन के प्रति आभार व्यक्त करते हुये संगठन के कार्यों को मानव सेवा की मिसाल बताया है !
