आगामी 11 नवंबर को धरमजयगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत पुरुँगा कोयला खदान की प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर विरोध लगातार तेज़ होता जा है, प्रभावित ग्राम पुरुँगा, तेन्दुमुड़ी, साम्हरसिंघा और कोकदार के ग्रामीण जनसुनवाई निरस्त करने की मांग पर अडिग हैं।
गुरुवार को जब कंपनी के कुछ प्रतिनिधि ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने और परियोजना का पक्ष रखने के लिए पुरुँगा पहुंचे, तो ग्रामीणों ने पहले उनकी बातें ध्यान से सुनीं, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर माहौल अचानक गर्म हो गया।
ग्रामीणों के सवालों का ठोस उत्तर न दे पाने पर महिलाएँ बुरी तरह भड़क उठीं और कंपनी प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए स्पष्ट कहा कि वे किसी भी हाल में अपनी जमीन नहीं देंगे। बढ़ते आक्रोश और विरोध को देखते हुए कंपनी प्रतिनिधियों ने वहां से लौट जाना ही उचित समझा।
ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी भूमि, जल और जंगल की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि कंपनी की ओर से लोगों को समझाने का प्रयास पूरी तरह असफल साबित हुआ है। पुरुँगा,तेन्दुमुड़ी, साम्हरसिंघा और कोकदार के ग्रामीण जनसुनवाई निरस्त करने की मांग पर अडिग हैं।गुरुवार को जब कंपनी के कुछ प्रतिनिधि ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने और परियोजना का पक्ष रखने के लिए पुरुँगा पहुंचे, तो ग्रामीणों ने पहले उनकी बातें ध्यान से सुनीं, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर माहौल अचानक गर्म हो गया।ग्रामीणों के सवालों का ठोस उत्तर न दे पाने पर महिलाएँ बुरी तरह भड़क उठीं और कंपनी प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए स्पष्ट कहा कि वे किसी भी हाल में अपनी जमीन नहीं देंगे। बढ़ते आक्रोश और विरोध को देखते हुए कंपनी प्रतिनिधियों ने वहां से लौट जाना ही उचित समझा।ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी भूमि, जल और जंगल की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि कंपनी की ओर से लोगों को लोगों को समझाने का प्रयास पूरी तरह असफल साबित हुआ है
