धरमजयगढ़ में आज जनता का सैलाब उमड़ पड़ा — पुरुँगा, साम्हारसिंघा और तेन्दुमुड़ी पंचायतों के हज़ारों ग्रामीणों ने अपनी ज़मीन, जंगल और हक़ की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरकर कंपनी और प्रशासन दोनों को खुला संदेश दे दिया कि अब “फैसला कागज़ों से नहीं, जनता की आवाज़ से होगा।”
सुबह से ही ट्रैक्टरों, बाइक और चारपहिया वाहनों में भरकर भीड़ धरमजयगढ़ पहुंचने लगी। रैली में विधायक लालजीत सिंह राठिया, तीनों ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे। ग्रामीणों की यह रैली नारेबाजी करते हुए पहले जनपद पंचायत कार्यालय, फिर डीएफओ कार्यालय और आखिर में एसडीएम कार्यालय पहुँची।हज़ारों ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता और आक्रोश एक साथ झलक रहा था — चिंता अपनी मिट्टी के भविष्य की, और आक्रोश उन झूठे वादों के खिलाफ जो सालों से “विकास” के नाम पर दोहराए जा रहे हैं।ग्रामीणों ने कहा कि मेसर्स अंबुजा सीमेंट लिमिटेड द्वारा लाया गया यह कोल ब्लॉक प्रस्ताव “विकास की आड़ में विनाश” का ब्लूप्रिंट है। वे बोले कंपनी बताए कि पारदर्शिता कहाँ है, संवाद कहाँ है, और जनता की अनुमति कहाँ है?”इस दौरान विधायक लालजीत सिंह राठिया भी साथ खड़े रहे, ग्रामीणों ने कहा कि जब तक जनता की शंकाओं का समाधान नहीं होगा, तब तक जनसुनवाई कराना केवल औपचारिकता होगी, जिसका कोई औचित्य नहीं।
रैली के दौरान माहौल जोशीला था लेकिन अनुशासित भी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी — “हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे, लेकिन किसी के दबाव में भी नहीं झुकेंगे। अगर जनसुनवाई जबरन हुई तो आंदोलन और भी व्यापक रुप लेगा!
धरमजयगढ़ ने आज जो देखा, वह केवल एक प्रदर्शन नहीं बल्कि जनभावना का विस्फोट था, जहाँ हर चेहरे पर यह लिख था: “हम जल–जंगल–जमीन के साथ हैं और आख़िरी दम तक साथ रहेंगे।”



