रायगढ़, छत्तीसगढ़ | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के धरमजयगढ़ मंडल अध्यक्ष भरतलाल साहू ने पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यह राजनीतिक घटनाक्रम छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा सकता है, खासकर रायगढ़ जिले में, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी टकराव लगातार जारी है।
भाजपा में उपेक्षा बनी कांग्रेस में जाने की वजह?
सूत्रों के अनुसार, भरतलाल साहू पिछले कुछ समय से पार्टी में आंतरिक गुटबाजी और शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनकी अनदेखी से परेशान थे। उन्होंने कई बार संगठन के अंदरूनी मामलों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन जब उनकी आवाज़ को नजरअंदाज किया गया, तो उन्होंने भाजपा छोड़ने का फैसला कर लिया।
कांग्रेस ने किया गर्मजोशी से स्वागत
भरतलाल साहू ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा, “भाजपा में अब जमीनी कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं रही। केवल कुछ चुनिंदा नेताओं के इशारे पर संगठन चलाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी आम जनता और कार्यकर्ताओं की सच्ची हितैषी है, इसलिए मैंने इसमें शामिल होने का निर्णय लिया।”
धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नेताओं ने साहू का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को नई मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा।
भाजपा में मचा हड़कंप, पार्टी ने दी प्रतिक्रिया
भरतलाल साहू के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा खेमे में हलचल मच गई है। भाजपा जिला अध्यक्ष ने उनके पार्टी छोड़ने पर दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि, “अगर कोई कार्यकर्ता पार्टी से नाराज था, तो उसे संगठन के भीतर संवाद करना चाहिए था। भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है, यहां हर किसी की बात सुनी जाती है।”
राजनीतिक भविष्य पर क्या पड़ेगा असर?
भरतलाल साहू के कांग्रेस में जाने से धरमजयगढ़ विधानसभा में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। यह क्षेत्र आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) बहुल इलाका है, जहां भरतलाल साहू की पकड़ मजबूत मानी जाती है। ऐसे में आगामी चुनावों में भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या आगे और भी नेता बदलेंगे पार्टी?
भरतलाल साहू के इस कदम के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या भाजपा के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़कर कांग्रेस या किसी अन्य दल में जा सकते हैं? आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में और भी बड़े उलटफेर देखने को मिल सकते हैं। हो. स. ( बुरा न मानो होली है )