धरमजयगढ़ नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 03, पीपरमार में अधोसंरचना मद से बनाई जा रही नाली के घटिया निर्माण को लेकर पार्षद माधो बाई राठिया ने कड़ा विरोध जताया है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने तत्काल काम रोकने और नए सिरे से टेंडर जारी करने की मांग की है।

500 मीटर लंबी इस नाली का निर्माण कार्य अभी अधूरा ही था कि इसका कुछ हिस्सा धराशायी हो गया, जिससे निर्माण में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ। पार्षद माधो बाई राठिया का कहना है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण में निम्न स्तरीय सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और कार्य तय मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर नगर पंचायत प्रशासन से जवाब तलब किया है।

जब नगर पंचायत के इंजीनियर सिदार से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने इसे पानी के बहाव का परिणाम बताया। साथ ही, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर उनका कहना था कि सीमित मात्रा के कारण हल्की सामग्री का उपयोग किया गया है “
“घटिया निर्माण मंजूर नहीं” – पार्षद माधो बाई राठिया वार्ड क्रमांक 03 पीपरमार में अधोसंरचना मद से बनाई जा रही नाली के घटिया निर्माण को लेकर पार्षद माधो बाई राठिया ने कड़ी नाराजगी जताई है। निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने साफ कहा, “घटिया निर्माण किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं।”
निर्माण के दौरान ही नाली टूटी, लापरवाही उजागर
करीब 500 मीटर लंबी नाली का निर्माण अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि उसका हिस्सा धराशायी हो गया। पार्षद ने इसे घोर लापरवाही करार देते हुए तत्काल काम रोकने और नए टेंडर जारी करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार मानक विहीन और स्तरहीन सामग्री का उपयोग कर रहा है, जिससे जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है।
इंजीनियर और नगर पंचायत प्रशासन पर उठे सवाल
जब नगर पंचायत इंजीनियर सिदार से इस मामले में सवाल किया गया, तो उन्होंने पानी के बहाव को नाली टूटने की वजह बताया। वहीं, सामग्री की गुणवत्ता को लेकर कहा कि सीमित मात्रा में मिलने के कारण कुछ हल्की सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने दिए जांच के संकेत
मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेने की बात कही और ठेकेदार एवं इंजीनियर से जवाब-तलब करने का आश्वासन दिया। लेकिन पार्षद और स्थानीय लोग इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं और निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेने की बात कही और संबंधित ठेकेदार व इंजीनियर से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर लीपापोती और एक-दूसरे पर दोष मढ़ने की कवायद से पार्षद और स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं हैं।
जनता में असंतोष, भ्रष्टाचार का आरोप
स्थानीय निवासियों में भी इस घटिया निर्माण को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस लापरवाही पर ठोस कदम उठाता है या फिर यह मामला भी अन्य अनियमितताओं की तरह धूल में दफन हो जाएगा !

