
अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल, कर्मचारियों को बना रहे निशाना
रायगढ़ जिले के छाल एसईसीएल उप क्षेत्र में बीते शुक्रवार को पहुंची, जिसके बाद अब एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। लिंकेज कोयला की अफरातफरी और एंट्री गेट में वसूली की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने दबिश दी। इस दौरान बूम बेरियर में वाहनों से अवैध वसूली की शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद एंट्री गेट के बाबू का ट्रांसफर कर दिया गया है। हालांकि, इस मामले में किसी भी बड़े अधिकारी की भूमिका को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जाता है कि छाल एसईसीएल क्षेत्र में इस तरह के बड़े पैमाने पर अनियमितता लगातार सामने आती रहती है। लेकिन, प्रबंधन के अधिकारियों के नाक के नीचे इन कारनामों को बेधड़क होकर अंजाम दिया जाता है और जब ऐसे मामलों पर कार्रवाई की बारी आती है तो अक्सर निम्न स्तर के कर्मचारियों को निशाना बनाया जाता है।
बीते शुक्रवार को विजलेंस की टीम अचानक लात खुली खदान पहुँची। छाल उपक्षेत्र के अधिकारी, कर्मचारी कुछ समझ पाते उससे पहले ही टीम शिकायत के जगहों पर दबिश दे चुकी थी। जिसकी खबर पूरे उपक्षेत्र में आग की तरह फैल गई। लेकिन यहां हुआ कुछ यूं जिसमें बड़े अधिकारी को संरक्षण देते हुए सिर्फ छोटी मछली पर कार्रवाई की गई है। एसईसीएल उपक्षेत्र के अधिकारियों का बचाव करते हुए महज निचले तबके के लोगों पर कार्रवाई कर खाना पूर्ति की गई है। छाल एसईसीएल में यह कोई पहला वाकया नही है कि किसी निचले तबके के कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया हो, बल्कि इससे पूर्व भी एक कोयला गाड़ी के पकड़े जाने पर कुछ इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। अब एक बार फिर से एंट्री गेट में बाबू पद पर पदस्थ केटेगिरी वन के एक कर्मचारी को छाल से बरौद खदान में तबादला कर पूरे मामले की लीपापोती कर दी गई है। छाल एसईसीएल के बूम बेरियर के क्लर्क पर इस कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि हेतु तत्कालीन प्रभारी उपक्षेत्रीय प्रबंधक मिश्रा से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने प्रोडक्सन के कार्य को प्राथमिकता देते हुए इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी का अभाव होना बताया।